

सतना ।वर्तमान में शहर की अति व्यस्ततम सड़क स्टेशन रोड पर नगर निगम सतना के सौजन्य से सड़क खोदो परियोजना (सीवर) का कार्य किया जा रहा है यह सड़क मुख्य तौर से रेलवे स्टेशन, मुख्य बाजार, शासकीय अस्पताल, नजीराबाद से जुडी हुई है। ऐसी महत्वपूर्ण सड़क पर कार्य करने से पूर्व, नगर निगम सतना को वैकल्पिक रूट की व्यवस्था करनी चाहिए थी लैकिन एैसा न करते हुए ठेकेदार ओनेपोने तरीके से कार्य कर लीपापोती कर रहा है।सतना शहर के लोग इन दिनों सीवर लाइन योजना के अभिशाप से गुजर रहे हैं। नगर निगम ने सतना शहर को नरक में तब्दील कर दिया है। सतना शहर का ऐसा कोई मार्ग नहीं और ऐसी कोई गली नहीं, जोकि गड्डों में तब्दील न हो गई हो। शहर की सड़कों में गड्ढे हैं या गड्डों में सड़क है, यह कोई नहीं समझा सकता। आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। जिस तरह से काम चल रहा हैं उस लिहाज़ से सालो और लग सकते हैं काम पूरा होने में और बता दें काम में गजब की कोताही बरती जा रही हैं सारे नियम ताक पर रख काम जारी हैं तो वही जवाबदार आँख पर पट्टी बांध कन्नी काटते नजर आ रहें हैं इससे साफ जाहिर हैं मिलीभगत.*विरोध करने वाले अब शांत क्यों हैं कही मिलीभगत तो नही ?*लंबे समय से सीवरेज का काम शहर में चल रहा हैं शुरुआत में खामियों का जबरजस्त विरोध किया गया पर अब सब शांत हैं यह अपने आप मे सवालिया निशान हैं जहाँ सारा शहर चिल्ला रहा कि यह क्या हो रहा हैं विगत काफी समय से हम लोग नरकीय जीवन जीने विवश है धूल धक्कड़ सड़के खुदी पड़ी हैं तो वही महीनों में एक सड़क पर काम होता हैं.. यहां बता दें कि अधिकारियों का कहना हैं कि कहाँ हैं खामियां बताओ दिखवाते हैं सही हैं कमिश्नर साहब आपको अगर ठेकेदार की लिपापोती नही दिख रही हैं तो अंधेर हैं.. बहरहाल जनता की आवाज सुनने वाला शायद ही अब कोई हैंसतना शहर में में 08 साल से चल रही सीवरेज परियोजना का काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है. 2016 से शुरू हुई इस योजना को पूरा करने की 24 महीने की मियाद थी. 08 साल बीतने के बाद भी परियोजना अब भी अधूरा है. कई मौत और सैकड़ों को सांस की बीमारी और हजारो दुर्घटनाओं का जिम्मेदार सीवरेज परियोजना सफेद हांथी बनकर रह गया है. 1.5 अरब रुपए से भी ज्यादा खर्च होने के बाद अब यह परियोजना दम तोड़ती नजर आ रही है.