
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पांच अहम फैसले लिए हैं। जिसमें एक महत्वपूर्ण फैसला यह भी है कि पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के अंदर भारत छोडऩा होगा। पीएम मोदी के इस निर्णय के बाद सवाल खड़े होने लगे कि क्या सीमा हैदर को भी पाकिस्तान जाना होगा। ऐसे में जनसत्ता ने सीमा हैदर के वकील और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एपी सिंह से बात की है। आइए जानते हैं एपी सिंह ने इस बारे में क्या कुछ बताया? एक सवाल के जवाब में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एपी सिंह ने कहा कि सीमा भारतीय है, वो भारतीय मीणा की मां है। भारत में उसका पति है। ससुराल है, शादी हुई है। रीति-रिवाज, परंपराओं और सनातन धर्म के अनुसार रह रही है। ऐसे उसका पाकिस्तान जाने का कोई सवाल पैदा नहीं होता है। एपी सिंह ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि वो अपने सारे डॉक्यूमेंट्स भारत सरकार, गृह मंत्रालय और एटीएस को सौंप चुकी है। जांच चल रही है। देश के महामहिम राष्ट्रपति जी के यहां हमारी याचिका पेंडिंग है। कोर्ट के आदेश पर वो रबूपुरा में रह रही है। अदालत के आदेश का पालन कर रही है। इस सवाल के जवाब में एपी सिंह ने कहा कि हां, मेरी सीमा से बात हुई है। वो पहलगाम की घटना बहुत दुखी है। इस तरह की घटनाओं से वो हर बार दुखी होती है। एकदम स्तब्ध रह जाती है। एपी सिंह ने आगे बताया कि अभी सीमा अस्पताल में भर्ती है। उसकी बच्ची बीमार है। शार्क वीजा टूर योजना के बारे में बताते हुए एपी सिंह ने कहा कि वीजा वाले मामले से सीमा का मामला एकदम अलग है। इसका, उससे कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि सीमा हैदर तो भारत माता की जय और भारत जिंदाबाद का नारा बुलंद करती है। इसका उन लोगों से क्या तुलना। एपी सिंह ने कहा कि यह शार्क वीजा उन पर लागू होता है, जो भारत घूमने आते हैं। सीमा का इससे कोई मतलब नहीं है। सिंह ने कहा कि क्या आपको लगता है कि सीमा पाकिस्तान में जाकर जिंदा बचेगी? इसके तो पाकिस्तान में टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाएंगे। हैद र को छोडऩे के बाद सीमा सनातनी है।