सीता स्वयंवर और धनुष यज्ञ, लक्ष्मण-परशुराम संवाद


सतना श्री बिहारी रामलीला समाज द्वारा सुभाष पार्क मैदान में चल रही रामलीला में श्रीराम की महान गाथा को जीवंत करने वाली रामलीला की प्रस्तुति में इस बार दर्शकों को महाकाव्य के चार प्रमुख घटनाक्रमों—सीता स्वयंवर, धनुष यज्ञ, लक्ष्मण-परशुराम संवाद, और रावण-वाणासुर संवाद—का भव्य मंचन देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। यह प्रस्तुति दर्शकों को भगवान राम और सीता के जीवन की अद्भुत घटनाओं के साथ-साथ रामायण के महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक पात्रों के संवादों से रूबरू हुई सीता स्वयंवर और धनुष यज्ञ: इस महाकाव्य घटना में मिथिला नगरी के राजा जनक द्वारा आयोजित स्वयंवर में राजकुमारी सीता के लिए प्रतिज्ञा की गई थी कि जो भी शिवजी के धनुष को तोड़ पाएगा, वही सीता से विवाह करेगा। भगवान श्रीराम, अपने अद्वितीय पराक्रम से, इस प्रतिज्ञा को पूर्ण करते हैं, जिससे मिथिला में उत्साह और भक्ति की लहर दौड़ पड़ती है। इस दृश्य को रामलीला के मंचन में भव्यता के साथ प्रस्तुत किया गया, जो दर्शकों के हृदय में अद्वितीय उत्साह और भावनाओं का संचार किया। लक्ष्मण-परशुराम संवाद: भगवान राम द्वारा शिव धनुष के टूटने के बाद, क्रोध में आग-बबूला भगवान परशुराम का आगमन होता है, जहाँ लक्ष्मण और परशुराम के बीच अत्यंत तीव्र और ओजस्वी संवाद होता है। इस संवाद में भगवान राम की विनम्रता और लक्ष्मण की वीरता दोनों का अद्भुत प्रदर्शन हुआ। परशुराम के क्रोध और लक्ष्मण की बुद्धिमत्ता के बीच संवाद इस प्रस्तुति का एक विशेष आकर्षण रहा। रावण-वाणासुर संवाद: रामलीला का एक अन्य महत्वपूर्ण अंश रावण और वाणासुर के बीच का संवाद है, जिसमें दोनों महान शक्तियों के बीच अहंकार और नीति की टकराहट दिखाई दी। इस दृश्य में रावण के अहंकार और वाणासुर की व्यावहारिकता का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिला। यह संवाद रामायण के पौराणिक प्रसंगों में से एक है, जो शक्ति और आदर्शों के द्वंद्व को प्रस्तुत करता है।यह रामलीला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करती है। इस आयोजन में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं जिससे यह मंचन और भी प्रभावशाली बनता है। सभी श्रद्धालु एवं रामायण प्रेमियों से निवेदन है कि इस भव्य रामलीला में उपस्थित होकर, भारतीय संस्कृति और धर्म की इस अनुपम गाथा के साक्षी बनें।रामलीला के महंत बृजेन्द्र कुमार दुबे, सह महंत शैलेंद्र कुमार दुबे समन्वयक हरिप्रकाश गोस्वामी, के साथ प्रमुख भूमिकाओं में मंगलेश्वर मिश्रा, नन्हू लाल गर्ग, नरेंद्र त्रिपाठी, व्यास अरुण परोहा, रामनरेश शुक्ला, अतिथि लायंस क्लब विंध्य के डायरेक्टर विजय सिंह , अध्यक्ष आर. के. शुक्ला, कोषाध्यक्ष जी. पी. गुप्ता. आलोक सिंह गहोई वैश्य समाज अध्यक्ष संजय गुप्ता प्रमोद गुप्ता धीरेंद्र गुप्ता धीरू संदीप गुप्ता गणेश शंकर गुप्ता अखिलेश कुचिया अशीष वाजपेई प्रियस साहू रामलीला के आयोजन में अहम भूमिका निभाने वाले पदाधिकारियों में अध्यक्ष रवि शंकर गौरी, महामंत्री राजेश चतुर्वेदी- पालन, उपाध्यक्ष सुरेश केशरवानी, नरेंद्र चंद्र गुप्ता, रामचरण गुप्ता, कोषाध्यक्ष सुधीर अग्रवाल, मीडिया प्रभारी श्यामलाल गुप्ता श्यामू व्यवस्थापक शिव कुमार शुक्ला, अंकुर दुबे, अशुतोष दुबे और मधुसूदन गुप्ता, श्रेय शुक्ला, राजकुमार अग्रवाल, नवीन अग्रवाल, शामिल हैं।