
सतना । राजा दशरथ भगवान राम के राज्याभिषेक को लेकर विचार करेंगे* जिससे अयोध्या में हर्षोल्लास का माहौल बनेगा। इसी बीच, मंथरा द्वारा रानी कैकेयी को भड़काने का दृश्य प्रस्तुत किया गया जिसके प्रभाव से रानी कैकेयी अपने कोप भवन में चली गईं। क्रोधित रानी कैकेयी राजा दशरथ से दो वरदान मांगे—पहला वरदान भगवान श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास और दूसरा वरदान भरत को अयोध्या का राज्य। राजा दशरथ इन वरदानों को पूरा करने की कठिन परिस्थिति का सामना करते, और भगवान राम का वन गमन सुनिश्चित होगा। यह प्रसंग दर्शकों को भावविभोर करता है और रामायण के इस महत्वपूर्ण अध्याय को मंच पर जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। सभी श्रद्धालु और दर्शक इस अद्भुत रामलीला का आनंद लेने के लिए 9 बजे रामलीला मैदान सुभाष पार्क मैदान में सादर आमंत्रित हैं।इस दौरान रामलीला के महंत बृजेन्द्र कुमार दुबे, सह महंत शैलेंद्र कुमार दुबे समन्वयक हरिप्रकाश गोस्वामी, नन्हू लाल गर्ग, नरेंद्र त्रिपाठी, व्यास अरुण परोहा, रामनरेश शुक्ला, अध्यक्ष रवि शंकर गौरी, महामंत्री राजेश चतुर्वेदी- पालन, उपाध्यक्ष सुरेश केशरवानी, नरेंद्र चंद्र गुप्ता, रामचरण गुप्ता, कोषाध्यक्ष सुधीर अग्रवाल, मीडिया प्रभारी श्यामलाल गुप्ता श्यामू अशोक खानेचा व्यवस्थापक शिव कुमार शुक्ला, अंकुर दुबे, अशुतोष दुबे और मधुसूदन गुप्ता, श्रेय शुक्ला, राजकुमार अग्रवाल, नवीन अग्रवाल, अशीष वाजपेई जितेन्द्र सबनानी विनीत पांडेय प्रियंक त्रिपाठी बाल्मिक मल्लाह मनोज सिंह सतेन्द्र पांडेय विष्णु गुप्ता संतोष सेन संजय पटेल शालेंद्र शास्त्री आलोक गौतम शिवम बडोलिया उपस्तीथ रहे।
