अतिक्रमण के चपेट में जिला कलेक्ट्रेट परिसर, दिया तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ…
सतना! बड़ी बड़ी डींगें हांकने वाले अधिकारीयों की कथनी और करनी को समझना बहुत मुश्किल है। कभी नगर निगम सतना के विकास के बारे में नहीं सोचा शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं जैसे कंपाउंडिंग, प्रॉपर्टी कर, जिससे विभाग को करोड़ों का राजस्व प्राप्त हो सकता है उसके बारे में कभी नहीं सोचा,बात बात पर नगर निगम सतना की छवि को निशाने पर लेने वाले जिम्मेदार कभी अपने गिरेबान में झांककर देखना तक जरुरी नहीं समझते हैं। सतना नगर निगम के सम्पूर्ण 45 वार्ड में अतिक्रमण को विस्तारित करने का काम स्वयं अतिक्रमण प्रभारी के संरक्षण में किया गया है। अपनी ओछी राजनीति चमकाने के लिए प्रभारी किसी भी हद तक जा सकते हैं। वही अब कलेक्ट्रेट परिसर को भी नहीं छोड़ा, और कलेक्टर के नाक के नीचे अतिक्रमण करवा दिए!
सतना कलेक्ट्रेट परिसर अतिक्रमण की चपेट में


सतना जिले के मुख्यालय संयुक्त कलेक्ट्रेट इन दिनों अतिक्रमण की चपेट में है कलेक्ट्रेट परिसर में जहां पर साइकिल स्टैंड होना चाहिए वहां पर कंप्यूटर टाइपिस्टो ने किया कब्जा मिली जानकारी के अनुसार साइकिल स्टैंड के लिए पेंशनर कार्यालय के बगल से बने शेड में टाइपिस्टों ने कब्जा कर रखा है वही कोलेट्रेट के प्रवेश द्वार क्रमांक 3 में बनी दुकानो की गैलरी में रजिस्ट्री लेखको के द्वारा टेबल कुर्सी लगाकर पूरी गैलरी में कब्जा कर रखा है जिससे आम जनता को आने-जाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है वही कलेक्ट्रेट के गेट क्रमांक 3 के अंदर चाय पान की गुमटी वालों ने दुकानें सजा रखी है वही लोगो का कहना है की अतिक्रमण के पीछे कार्यालय अधीक्षक एवं कलेक्टर से जुड़े कई कर्मचारियों के शह पर किया गया है!