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चिकित्सा संस्थाओं में सुरक्षा, भीड नियंत्रण तथा दुर्घटना से बचाव के करें प्रबंध कमिश्नर ने ली चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा संबंधी समीक्षा बैठक*

सतना 2 सितंबर 2024/आयुक्त रीवा संभाग रीवा बीएस जामोद ने कहा कि डाक्टरों और चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षा देना हमारी प्राथमिकता है। अस्पतालों में सुरक्षा, भीड नियंत्रण और दुर्घटनों से बचाव के उचित प्रबंधों के लिए उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करें। उन्होंने कहा कि हम अपना कार्य जितनी ईमानदारी से करेंगे, उतने ही सुरक्षित रहेंगे। हम सबका काम आम जनता को आसानी से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। सभी टीम वर्क में काम करते हुए जिम्मेदारी पूर्वक अपना कार्य समय पर करें। प्रशासन हर वक्त आपके साथ हैं। आयुक्त श्री जामोद सोमवार को सतना मेडीकल कॉलेज सतना सभागार में शासकीय मेडीकल कॉलेज सतना और जिला अस्पताल में चिकित्सक, पैरामेडीकल स्टाफ, रोगियों एवं उनके सहायकों की सुरक्षा के लिए किये गये प्रबंधों एवं कार्यवाहियों की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर आईजी रीवा संभाग महेन्द्र सिंह सिकरवार, कलेक्टर अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता, डीन एसपी गर्ग, आयुक्त नगर निगम शेर सिंह मीना, एडीशनल एसपी शिवेश सिंह बघेल, एसडीएम नीरज खरे, सीएसपी महेन्द्र सिंह, सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी, सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कमिश्नर ने कहा कि राज्य शासन द्वारा इस हेतु निर्धारित की गई एसओपी का कडाई से पालन करे और दुर्घटनाओं की संभावनाओं वाले ब्लैक स्पाट चिन्हित कर वहां आवश्यक सुधार की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि पूरे अस्पताल परिसर और मेडीकल कॉलेज परिसर में सीसीटीवी कैमरे का कवरेज बढाये तथा सुरक्षा के लिए आवश्यक सुरक्षा गार्डो का प्रबंध करे। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रकाश और पृथक-पृथक टायलेट की व्यवस्था तथा विजिटर कन्ट्रोल के उपाय भी करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जिले के चिकित्सा संस्थाओं का औचक निरीक्षण करने तथा रात्रि कालीन भ्रमण के भी निर्देश दिये। कमिश्नर श्री जामोद ने कहा कि इमरजेंसी की स्थिति में समय पर और तत्काल उपचार शुरू कर देना चाहिए। डॉक्टर भगवान का रूप माने जाते है। उन्हें मरीजों को संवेदनशीलता के साथ उपचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल सतना में हेल्पडेस्क और ओपीडी में उपचार पर्ची बनवाने के लिए कारगर व्यवस्था बनाये ताकि रोगी और उनके परिजनों को कोई परेशानी न हो। गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति के पास अटेण्डेन्ट के रूप में एक व्यक्ति को ही अनुमति दे। अस्पताल में तैनात सुरक्षा कर्मियों और अन्य कार्य में लगे व्यक्तियों को भी डीन अथवा अस्पताल अधीक्षक प्रवेश पत्र जारी करें। कमिश्नर ने कहा कि अस्पताल के चिकित्सक जो दबाए अस्पताल में उपलब्ध नहीं हो और बाजार में आसानी से उपलब्ध हो वहीं दबा बाहर से लिखी जाये। मेडीकल कॉलेज के डीन, अस्पताल अधीक्षक और वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी समय-समय पर दिन में और रात्रि में औचक निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायेजा ले। आईजी रीवा संभाग ने कहा कि मेडीकल कॉलेज और हास्टल के बाहय परिसर और इन्ट्रेन्स पर अच्छी गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगाये और आगत और निर्गत की सतत मानीटरिंग भी करें। उन्होंने कहा कि चिकित्सक और पैरामेडीकल स्टाफ तथा अस्पताल और मेडीकल कॉलेज के कर्मचारियों की तरह आउटसोर्स एजेंसी तथा सुरक्षा एजेंसी द्वारा तैनात किये व्यक्तियों के फोटो आईडी कार्ड प्रबंधन द्वारा जारी किये जाये। इसके साथ ही प्रत्येक सिक्योरिटी गार्ड, वाहन चालक, सफाई कर्मी एवं स्टाफ के अन्य आउटसोर्स कर्मचारियों का वेरीफिकेशन शत-प्रतिशत रूप से कराये। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल शिफ्ट डयूटी में जाने वाले मेडीकल कॉलेज के चिकित्सकों को लाने ले जाने वाले वाहनों में भी सुरक्षा के सुनिश्चित प्रबंध रहे। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि जिला अस्पताल में ओपीडी में बडी तादाद के मरीजों और उनके परिजनों की संख्या को देखते हुए चिकित्सक और अस्पताल के कर्मचारियों को मुख्य प्रवेश द्वार के बगल से वैकल्पिक प्रवेश देने की व्यवस्था की जाये। आयुक्त रीवा संभाग श्री जामोद ने आयुक्त नगर निगम को मेडीकल कॉलेज कैम्पस और जिला अस्पताल कैम्पस का निरीक्षण कर आवश्यक प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

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