मूर्ति पूजा का विरोध करने वाले आर्य समाज को अंतिम चेतावनी
श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने कहा कि हम दयानंद सरस्वती का सम्मान करते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह हिंदू धर्म के देवी देवताओं को गालियां दिन मूर्ति पूजा का विरोध करें दयानंद सरस्वती वेद ज्ञानी हो सकते हैं लेकिन आत्मज्ञानी नहीं है हमारे ऋषि मुनियों ने इन्हीं देवी देवताओं की मूर्ति बनाकर त्रिकालज्ञ हुए हैं भगवान श्री राम ने स्वयं रामेश्वरम में भगवान शंकर की शिवलिंग की स्थापना की माता सीता ने मूर्ति स्वरूप मां गौरी जी का पूजन किया है आर्य समाज द्वारा लगातार हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों का विरोध किया जा रहा है जो सनातन धर्म को कमजोर कर रहा है मूर्तियां भगवान से मिलन का एक माध्यम होती है उनमें भक्ति और प्राण प्रतिष्ठा के द्वारा चेतना का संचार होता है दयानंद सरस्वती हमारे ऋषि मुनियों से बड़े नहीं है यह अंतिम चेतावनी है सुधर जाएं अन्यथा उनका विरोध किया जाएगा और अगर उन्हें कहीं मूर्ति पूजा में कमी नजर आती है तो मेरे आश्रम मैं समय लेकर आए मैं उन्हें मूर्ति पूजा का एहसास करा दूंगा।*इस धरती पर कोई ब्रह्मा विष्णु महेश नहीं है शाकारहरि को घसीट कर सलाखों के पीछे भेजना चाहिए था*महाराज जी ने कहा कि वर्तमान में जिस तरह कुकुरमुत्ता के समान जगह-जगह धर्मगुरु और अपने आप को ब्रह्मा विष्णु महेश कहने वाले उपस्थित हो गए हैं वह सनातन धर्म के सबसे बड़े द्रोही हैं वर्तमान में जिस तरह साकार हरि के पाखंड का पर्दाफाश हुआ सैकड़ो लोग उसके आयोजन में मारे गए लेकिन प्रदेश सरकारी वोट बैंक के लिए नपुंसक हो जाती हैं योगी आदित्यनाथ से अपेक्षा थी कि ऐसे व्यक्ति घसीट कर सलाखों के पीछे डालना चाहिए था जो अपने आप को ब्रह्मा विष्णु महेश बताता है जो सनातन धर्म को कमजोर कर रहा है इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ऐसे पाखंडी के विरुद्ध मुकदमा तक दर्ज नहीं किया वर्तमान में इस तरह के सैकड़ो लोग हैं जो अपने आप को ब्रह्मा विष्णु महेश का अवतार बता रहे हैं ऐसे लोगों के ऊपर हमारे शंकराचार्य एवं देश की सरकारों को कार्यवाही करनी चाहिए।*कावड़ यात्रा मार्ग दुकानदारों के नाम की सूचना का किया समर्थन*आगामी श्रावण मास में पूरे देश में कावड़ यात्रा प्रारंभ होने जा रही है जिसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकार द्वारा मार्ग पर जितने भी दुकानदार हैं उनके प्रोपराइटर संचालकों के नाम स्पष्ट अक्षरों में लिखित होने का महाराज जी ने समर्थन किया है क्योंकि उपभोक्ता को यह पता होना चाहिए कि उसका भजन कहीं मांसाहारी बर्तन में तो नहीं बनाया जा रहा है कई ऐसी घटनाएं आई है जिसमें कुछ जिहादियों द्वारा थूक करके लोगों का धर्म जानबूझकर भ्रष्ट किया जा रहा है।श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के निर्देशन पर भगवती मानव कल्याण संगठन द्वारा देश के लाखों स्थान पर अखंड श्री दुर्गा चालीसा पाठ का आयोजन किया गया।
