सतना। श्री रामानुज वैष्णव मंडल द्वारा तोताद्री जियर स्वामी जी के प्रथम आगमन पर सरस्वती विद्यापीठ उतैली के सभागार में तोताद्री स्वामी जी और साथ में आए सभी आचार्यों (परिकर) का स्वागत और चरण सेवा की गई, श्री श्री 1008 श्री स्वामी रामकृष्णा चार्य स्वामी जी द्वारा वैदिक मंत्रोंचार से श्री जियर स्वामी जी सरकार की चरण सेवा की गई, उसके बाद सभी सामाजिक संगठनों ने स्वामी जी की आरती चरण सेवा की तत्पश्चात् गाजे बाजे के साथ श्री स्वामी जी सरकार की शोभायात्रा निकाली गई जी विद्यापीठ उतैली से यादव धर्मकांटा रीवा रोड सेमरिया चौक भरहुत नगर मोड होते हुआ भाजपा कार्यालय में श्री स्वामी जी का पुष्पहार और पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया स्वामी जी के आगवन में मातृ शक्ति ने 51 कलश के साथ गुरु भगवान का स्वागत किया जहां जहां से शोभायात्रा गुजरी वहां वहां से सामाजिक संगठनों के लोगो ने पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया भाजपा कार्यालय के बाद श्रीसदन बद्री प्रसाद गुप्ता जी के निवास मैं गुरु जी का स्वागत डोल नगाड़ा पटाखों पुष्पवर्षा के चरण सेवा के साथ किया गया और मिठाई लड्डू प्रसाद वितरित किया गया। उसके बाद भरहुत नगर सर्किट हाउस सिविल लाइन होते हुए सोहावल बड़ा अखाड़ा में रात्रि विश्राम हुआ, *विश्व के समस्त तोताद्री मठ के 31 वें परमाधिपति सद्गुरु देव तोताद्री जियर स्वामी जी महाराज* के सतना प्रवास श्री रामानुज वैष्णव मंडल परिवार और सतना वासियों के लिए सौभाग्य का दिन रहा जहां 14 स्वामीजी एक साथ सतना की तपो भूमि में पधारे, यह दिन वैष्णव परिवार के लिए सबसे बड़ा दिन रहा और गुरु पूर्णिमा का भी दिन मनाया,*जीयर स्वामी जी ने कहा कि परोपकार के लिए हीं संत जन्म लेते हैं। जिस प्रकार नदी, सूर्य, चंद्रमा, वृक्ष आदि दूसरों को राहत पहुंचाते रहते हैं उसी प्रकार संतो को भी परोपकारी होना चाहिए।*श्री जियर स्वामी ने कहा है कि हमेशा प्रसन्न रहने वाले, निरंतर सक्रिय, अपने शारीरिक सुख-सुविधाओं की परवाह न करने वाले लेकिन हमेशा दूसरों के कल्याण के बारे में चिंतित रहने वाले जीयर स्वामीजी जहाँ भी जाते हैं, वहाँ आशा और खुशी का संचार करते हैं। भारत के प्रबुद्ध आध्यात्मिक और मानवतावादी परम पूज्य जीयर स्वामीजी वैदिक ज्ञान, आध्यात्मिक अभ्यास, धार्मिक सहिष्णुता, अहिंसा, साझा करने की खुशी और सभी जीवित प्राणियों के लिए आपसी सम्मान के प्रचार के माध्यम से विश्व शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास करते हैं। श्री स्वामी ने कहा कि आचार्य वह होता है जो पहले अभ्यास करता है और फिर उपदेश देता है। श्री स्वामीजी इसका उदाहरण हैं। वे गहन बौद्धिक और आध्यात्मिक संवेदनशीलता वाले संत हैं, दुर्लभ गुणों के अवतार हैं। वे सभी प्राणियों के लिए असीम प्रेम के प्रतीक हैं। उनकी सभी गतिविधियाँ समाज के प्रति उनकी गहरी चिंता और करुणा को दर्शाती हैं, जिसमें काफी हद तक वास्तविक आध्यात्मिक आयाम का अभाव है। कोई भी भक्त उनके जीवन के सभी पहलुओं में उत्कृष्टता देख सकता है। स्वामीजी के पवित्र स्वरूप से लेकर, उनके बोलने का परिष्कृत तरीका, जिस स्नेह से स्वामीजी आम लोगों को संबोधित करते हैं, उनकी वाणी में वह स्पष्टता और सामर्थ्य जो ग्रहण करने वालों के अंदर से अज्ञानता को मिटा सकता है, यह सब स्पष्ट रूप से देखा और सीखा जा सकता है। साथ ही, वे वैराग्य और त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। वे भौतिक दुनिया और उसके गुणों के किसी भी प्रभाव से परे हैं। उनकी उपस्थिति से आस-पास के सभी लोगों में दिव्य खुशी और शांति की एक अजीब सी अनुभूति होती है। स्वामीजी हमारे लोगों में, चाहे वे युवा हों या वृद्ध, हमारी विरासत के प्रति जागरूकता पैदा करना चाहते हैं। वे हमेशा लोगों से मिलते रहते हैं और उनकी सांसारिक और आध्यात्मिक समस्याओं को सुनते हैं। उनके उज्ज्वल, हमेशा मुस्कुराते चेहरे को देखकर ही भक्तों को राहत मिलती है। उनकी करुणामयी नज़र हमारे मन को शुद्ध करती है और हमारी चेतना को सांसारिकता से दिव्यता की ओर ले जाती है। धन्य हैं वे लोग जो पूज्य स्वामीजी के प्रभाव में आए हैं।इस दौरान स्वामी श्री निवासाचार्य स्वामी श्री धरणीधरा चार्य , बद्री प्रसाद गुप्ता उत्तम बैनर्जी सतीश शर्मा लक्ष्मी यादव योगेश ताम्रकार सतीश सुखेजा संजय शाह अजय त्रिवेदी लखन केसरवानी त्रिलोकीनाथ केसरवानी रामचरण गुप्ता महेन्द्र तिवारी राजकुमार साहू रामचंद्र गुप्ता सतीश गुप्ता अजय गुप्ता सुरेश गुप्ता लवकुश गुप्ता रमेश गुप्ता मानिक लाल गुप्ता श्याम लाल गुप्ता श्यामू संजीव माहेश्वरी देवेन्द्र माहेश्वरी घनश्याम अच्छड़ा मधुसूदन गुप्ता जितेन्द्र गुप्ता जित्तू विनीत गुप्ता अनिल पारूहा रजनीश गौतम रमाकांत गौतम ऋषभ सिंह संजय अग्रवाल चांदी चंद्रकमल त्रिपाठी गुलाब सोनी श्री धर मिश्रा रामशरण गुप्ता सुजल गुप्ता विष्णु गुप्ता कन्हैया गुप्ता संदीप गुप्ता कामता गुप्ता संजय गुप्ता सुशील गुप्ता विकाश गुप्ता कपिल गुप्ता छेदी लाल गुप्ता रंगेश गुप्ता राजेन्द्र गुप्ता लक्ष्मण गुप्ता प्रिंस गुप्ता महेंद्र तिवारी राजकुमार साहू अजय गुप्ता जैतवारा, रमेश गुप्ता lic, विनीत गुप्ता, अनिल परौहा, सतीश गुप्ता, मानिक लाल गुप्ता, मधुसूदन गुप्ता, जितेंद्र गुप्ता जित्तू, सुरेश गुप्ता, मोहित गुप्ता, रामचन्द्र गुप्ता कपिल बर्मन शिवम गौतम रत्नेश यादव श्री निवास गुप्ता यतिराज हरिओम गुप्ता राजीव गुप्ता कमलेश गुप्ता विनोद गुप्ता इंजी राकेश रैकवार अशीष मोंगिया घनश्याम केसरी संदीप धूत रजनीश गौतम सहित भागवत हजारों की संख्या में उपस्थित रहे।

