

सतना। भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड के दिव्य निर्माता और इंजीनियर के रूप में सम्मानित किया जाता है। उन्हें दुनिया के पहले दिव्य वास्तुकार और सृजन के देवता के रूप में सम्मानित किया गया; और उन्हें शहरों को डिज़ाइन करने, देवताओं के लिए हथियार तैयार करने और सृजन की भावना को मूर्त रूप देने का श्रेय दिया जाता है। इस कारण से, यह दिन इंजीनियरिंग, उद्योग, मशीनरी, निर्माण, विनिर्माण और डिजाइन से जुड़े क्षेत्रों के पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण है। विभिन्न उद्योगों के शिल्पकार और श्रमिक अपने औजारों और मशीनों की पूजा करके अपने व्यापार में सफलता के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी , एकेएस विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में 17 सितंबर, 2024 को भगवान विश्वकर्मा की जयंती, विश्वकर्मा पूजा के रूप में मनाई गई है। उत्सव में इंजीनियर आर. के. श्रीवास्तव (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रशासक), डॉ. रमा शुक्ला (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख), डॉ. गौरी रिछारिया, डॉ. उमेश कुमार सोनी, डॉ. शैलेद्र सिंह (मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रमुख) और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के कनिष्ठ शिक्षकगण श्री अच्युत पांडे, श्री प्रांजल डी. मिश्रा, श्री अजय सिंह, श्री कृष्ण कुमार त्रिपाठी, श्रीमती दीपा शुक्ला और प्रयोगशाला कर्मचारी श्री संजय चतुर्वेदी और मधु सोनी उपस्थित रहे और आरती, फूल, मंत्र, प्रसाद के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा की एवं तिलक कर भगवान विश्वकर्मा से याचना की और अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर विकास के लिए आशीर्वाद लिया और साथ ही अपने दायित्व में आने वाली प्रयोगशालाओं, मशीनों और उपकरणों की सुरक्षा और निरंतर संचालन के लिए प्रार्थना की।