भुईमाड़। हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। यह त्यौहार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा का त्यौहार गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतीक होता है। इस बीच मध्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य में सीएम मोहन यादव सरकार ने सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को दो दिन गुरु पूर्णिमा का उत्सव मनाने के निर्देश दिए थे जिस क्रम मे शनिवार को हायर सेकंडरी स्कूल भुईमाड़ मे गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। इस दौरान शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भुईमाड़ व हायर सेकंडरी स्कूल भुईमाड़ के छात्र छात्राएं एवं विद्यालय के स्टाफ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन करतें हुए विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक अंजनी लाल यादव ने कहा कि गुरु पूर्णिमा यह दिन केवल शैक्षिक गुरुओं के लिए नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करने वाले सभी गुरुओं के प्रति समर्पित है। तो वही संकुल प्राचार्य सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि.गुरु’ शब्द का अर्थ होता है – अज्ञान के अंधकार को दूर करने वाला। गुरु अपने ज्ञान से शिष्य को सही मार्ग पर ले जाते हैं और उनकी उन्नति में सहायक बनते हैं। लोक में सामान्यतः दो तरह के गुरु होते हैं। प्रथम तो शिक्षा गुरु और दूसरे दीक्षा गुरु। शिक्षा गुरु बालक को शिक्षित करते हैं और दीक्षा गुरु शिष्य के अंदर संचित विकारों को निकाल कर उसके जीवन को सत्यपथ की ओर अग्रसित करते हैं।इसके साथ ही पंकज पाण्डेय, साकेत सेन, सुनील तिवारी सहित शिक्षकों ने संबोधित किया। इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक धर्मेंद्र सिंह के द्वारा अभार प्रकट किया गया। इस मौके पर छात्र छात्राएं व विद्यालय के शिक्षक व स्टाफ उपस्थित रहे।
