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गुरु पूर्णिमा के अवसर पर लाइव उद्बोधन देकर शक्तिपुत्र जी महाराज ने किया समाज का मार्गदर्शन

गुरु पूर्णिमा का दिन अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का दिन:- शक्तिपुत्र जी महाराज

भुईमाड़। पंचज्योति शक्ति तीर्थ सिद्धाश्रम ट्रस्ट एवं भगवती मानव कल्याण संगठन के संस्थापक संचालक धर्म सम्राट युग चेतना पुरुष परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर समाज के धार्मिक सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर वीएमकेएस चैनल के माध्यम से समाज का मार्गदर्शन किया। जिसको भुईमाड़ सहित सीधी जिले सहित देशभर के लोगों ने सुना। शक्तिपुत्र जी महाराज ने कहा कि गुरु पूर्णिमा का दिन अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का है, आत्मा और परमात्मा से मिलन का दिन है, हमें आत्मकलन करना है कि हम किस दिशा की ओर जा रहे हैं दीक्षा का मतलब ही होता है अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना शिष्य वही हो सकता है जो गुरु के विचारों को आत्मसात करे।गुरु जिन मार्गो से बढ़कर परम सत्ता के दर्शन प्राप्त किए हैं उसे मार्ग पर चलना ही शिष्यों का कर्तव्य होता है और आज हम सभी को अपने बच्चों को धर्मवान धैर्यवान और चेतनावन बनाने की आवश्यकता है।अपने बच्चों को ऐसा संस्कार दें कि वह स्वयं की रक्षा कर सकें और अपने धर्म की भी रक्षा कर सके इसके लिए उन्हें अवगुणों से मुक्त करना होगा जब तक लोग नशे से मुक्त मन से मुक्त चरित्रवान नहीं होंगे तब तक समाज का कल्याण नहीं हो सकता है।आत्म चेतना से विहीन अविमुक्तेश्वरानंद*वर्तमान में सनातन धर्म को दिशा देने वाले धर्मगुरु दिशाहीन है और आत्म चेतना से विहीन है शंकराचार्य पद को कलंकित कर रहे हैं। कांग्रेस जैसी पार्टी जो कई वर्षों तक जिहादियों का समर्थन करती रही आज उनका समर्थन अविमुक्तेश्वरानंद कर रहे हैं महाराष्ट्र में जब साधु संतों पर हमले हो रहे थे उनके ऊपर अन्याय हो रहा था तब आवाज नहीं उठाई और आज का रहे हैं की उधवठाकरे के साथ अन्याय हुआ है, उद्धव ठाकरे तो सनातन द्रोही ही नहीं अपने पिता के ही द्रोही है। क्योंकि बाला साहब ने कहा था कि अगर ऐसी स्थिति आई कि कभी कांग्रेस का समर्थन देना पड़े तो मैं अपनी पार्टी ही खत्म कर दूंगा। सत्ता के लालच में उद्धव ठाकरे ने सनातन धर्म के साथ अपने पिता के साथ भी द्रोह किया है। उद्धव ठाकरे की राजनीति दिशाहीन हो चुकी है। जब हिंदू धर्म को हिंसक बताया गया तब आवाज नहीं उठाई साकारहरि जैसे पाखंडी जब सनातन धर्म को बदनाम करते हैं तब शंकराचार्य मौन हो जाते हैं, जिन शंकराचार्य के ऊपर सभी जातियों को एक साथ करके देश में सनातन धर्म को मजबूत करने की जिम्मेदारी है वह राम मंदिर का विरोध करते हैं और उद्योगपतियों के यहां जाकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हैं सनातन धर्म तब सम्मानित होता जब अंबानी परिवार अविमुक्तेश्वरानंद के यहां जाकर आशीर्वाद लेता।*जिस राहुल गांधी को अपने धर्म का पता नहीं है वह हिंदू धर्म को हिंसक बता रहा*वर्तमान में कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार सनातन धर्म पर हमले किए जा रहे हैं। राहुल गांधी जैसे सनातन विरोधी लोग जिनको अपने धर्म का पता नहीं है वह हिंदू धर्म को हिंसक बताकर जेहादियों द्वारा किए जा रहे आक्रमण का विरोध न करने के लिए इस तरह कहा जा रहा है। हिंदू धर्म अगर हिंसक होता तो आज हिंदू धर्म की बहन बेटियों के साथ लव जिहाद नहीं हो रहा होता आज देश में बहुसंख्यक हिंदू आबादी जेहादियों और ईसाइयों से आतंकित है और राहुल गांधी हिंदू धर्म को हिंसक बता रहे हैं। हिंदू धर्म अपनी रक्षा करना जानता है उसे कब शस्त्र उठाने हैं और कब शस्त्र उठाना है उसे ज्ञान है क्योंकि हम उन्हें देवी देवताओं की साधना आराधना करते हैं जिनके अधिकांश हाथों में अस्त्र-शस्त्र होते हैं।*मूर्ति पूजा का विरोध करने वाले आर्य समाज को अंतिम चेतावनी*श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने कहा कि हम दयानंद सरस्वती का सम्मान करते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह हिंदू धर्म के देवी देवताओं को गालियां दिन मूर्ति पूजा का विरोध करें दयानंद सरस्वती वेद ज्ञानी हो सकते हैं लेकिन आत्मज्ञानी नहीं है हमारे ऋषि मुनियों ने इन्हीं देवी देवताओं की मूर्ति बनाकर त्रिकालज्ञ हुए हैं भगवान श्री राम ने स्वयं रामेश्वरम में भगवान शंकर की शिवलिंग की स्थापना की माता सीता ने मूर्ति स्वरूप मां गौरी जी का पूजन किया है आर्य समाज द्वारा लगातार हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों का विरोध किया जा रहा है जो सनातन धर्म को कमजोर कर रहा है मूर्तियां भगवान से मिलन का एक माध्यम होती है उनमें भक्ति और प्राण प्रतिष्ठा के द्वारा चेतना का संचार होता है दयानंद सरस्वती हमारे ऋषि मुनियों से बड़े नहीं है यह अंतिम चेतावनी है सुधर जाएं अन्यथा उनका विरोध किया जाएगा और अगर उन्हें कहीं मूर्ति पूजा में कमी नजर आती है तो मेरे आश्रम मैं समय लेकर आए मैं उन्हें मूर्ति पूजा का एहसास करा दूंगा।*इस धरती पर कोई ब्रह्मा विष्णु महेश नहीं है शाकारहरि को घसीट कर सलाखों के पीछे भेजना चाहिए था*महाराज जी ने कहा कि वर्तमान में जिस तरह कुकुरमुत्ता के समान जगह-जगह धर्मगुरु और अपने आप को ब्रह्मा विष्णु महेश कहने वाले उपस्थित हो गए हैं वह सनातन धर्म के सबसे बड़े द्रोही हैं वर्तमान में जिस तरह साकार हरि के पाखंड का पर्दाफाश हुआ सैकड़ो लोग उसके आयोजन में मारे गए लेकिन प्रदेश सरकारी वोट बैंक के लिए नपुंसक हो जाती हैं योगी आदित्यनाथ से अपेक्षा थी कि ऐसे व्यक्ति घसीट कर सलाखों के पीछे डालना चाहिए था जो अपने आप को ब्रह्मा विष्णु महेश बताता है जो सनातन धर्म को कमजोर कर रहा है इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ऐसे पाखंडी के विरुद्ध मुकदमा तक दर्ज नहीं किया वर्तमान में इस तरह के सैकड़ो लोग हैं जो अपने आप को ब्रह्मा विष्णु महेश का अवतार बता रहे हैं ऐसे लोगों के ऊपर हमारे शंकराचार्य एवं देश की सरकारों को कार्यवाही करनी चाहिए।*कावड़ यात्रा मार्ग दुकानदारों के नाम की सूचना का किया समर्थन*आगामी श्रावण मास में पूरे देश में कावड़ यात्रा प्रारंभ होने जा रही है जिसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकार द्वारा मार्ग पर जितने भी दुकानदार हैं उनके प्रोपराइटर संचालकों के नाम स्पष्ट अक्षरों में लिखित होने का महाराज जी ने समर्थन किया है क्योंकि उपभोक्ता को यह पता होना चाहिए कि उसका भजन कहीं मांसाहारी बर्तन में तो नहीं बनाया जा रहा है कई ऐसी घटनाएं आई है जिसमें कुछ जिहादियों द्वारा थूक करके लोगों का धर्म जानबूझकर भ्रष्ट किया जा रहा है।श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के निर्देशन पर भगवती मानव कल्याण संगठन द्वारा देश के लाखों स्थान पर अखंड श्री दुर्गा चालीसा पाठ का आयोजन किया गया।

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