
कलेक्टर निःशुल्क कोचिंग क्लासेस के नवीन बेच का शुभारंभ अवसर पर
सतना,प्रखर प्रवक्ता न्यूज। कलेक्टर ने कहा कि अधिक पावर के साथ जिम्मेदारियां भी अधिक बढ़ जाती है। अपनी सिविल सर्विस की जर्नी के पर बताया कि किस तरह से प्री, मैंस, इंटरव्यू क्वालीफाई हुए और सिलेक्शन के बाद से कलेक्टर बनने तक के सफर के अनुभव साझा किए। इस दौरान आने वाली चुनौतियां तथा उनमें किस तरह से निर्णय लिया जाए उनके बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि हमारा निर्णय सही होना चाहिए। इसका पता हमें निर्णय के प्रभाव से चलता है। अगर हमारे निर्णय का प्रभाव सही रहा, तो हमने सही निर्णय लिया और अगर हमारे निर्णय का प्रभाव गलत हुआ, तो हमने गलत निर्णय लिया। इसीलिए हमें सही निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने अभ्यर्थियों को चंद्रगुप्त की कहानी सुनाते हुए कहा कि चंद्रगुप्त एक बार युद्ध में हार गए थे, तब चाणक्य ने उन्हें बताया कि अगर हमारे पास गर्म खाना रखा है, तो हमें पहले किनारे से खाना होता है। हमें मगध को जीतना है, तो आसपास के क्षेत्र को पहले जीतना होगा। इसलिए हम पढ़ाई करते वक्त पहले छोटी-छोटी चीजों से शुरुवात करें। तभी हम बढ़े लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे। उन्होंने बताया कि यूपीएससी समय मांगती हैं और इसमें धैर्य रखना जरूरी है। साथ ही पारिवारिक सहयोग बहुत आवश्यक है, क्योंकि इसमें समय लगता है। इसमें माइंड का कंसंट्रेट होना बहुत जरूरी है, क्योंकि हमें सिविल सर्वेंट बनना है, तो हम समाज से कट भी नही सकते है। हमे समाज से जुड़कर रहना पड़ेगा। हमे हमेशा पॉजिटिव रहते हुए टाइम मैनेजमेंट करना चाहिए।
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। सफलता हार्ड वर्क मांगती है और समर्पण तथा धैर्य भी जरूरी है। हम जब आंसर राइटिंग करें, तो अपने आंसर को तर्क के साथ प्रमाणित करें। आंसर को करंट के साथ इंक्लूड करते हुए लिखें। इससे हमारा आंसर बेहतर होगा।