सतना। अंडरग्राउंड ब्रिज बने बगैर 25 गाव के ग्रामीणों के साथ सरासर अन्याय है।इसके साथ ही नेशनल पब्लिक स्कूल पपरेंगा,रॉयल पब्लिक स्कूल,सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,शासकीय कन्या स्कूल,मॉडल स्कूल के हजारो बच्चे हर रोज अपनी अपनी साइकिल से विद्यालय आते जाते है।लेकिन रेल्वे फाटक बंद होने से छात्रों के परिजन आये दहशत में,रेल्वे विभाग के ताना शाही रवैया के चलते,अंडरग्राउंड ब्रिज बनाने से पहले ऐसा करना पूरी तरह से गलत है।नव निर्मित ओवर ब्रिज का स्टेट हाइवे से कोई लेना देना नही है।लगभग 25 गाव का आवागमन बाधित होगा। लेकिन कुछ ऐसे गिनती के चमचे भी है,जिन्हें आम जनता के हित से कोई लेना देना नही है। वह तर्क दे रहे है ओवर ब्रिज बन चुका है,समस्या समाप्त हो चुकी है।ऐसे बेदर्द लोग नियम का हवाला दे रहे है।तो ऐसे बेदर्दो से आग्रह है नव निर्मित ओवर ब्रिज के दोनों ओर खड़े होकर सिर्फ 15 मिनट का नजारा देखे,सब स्पस्ट हो जाएगा कैसे वाहन मुड़ते है।और किस तरह से दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं बढ़ेगी ।लेकिन रेलवे प्रशासन यदि आम जनता की मांग और जरूरत का ख्याल रख अंडरग्राउंड ब्रिज बनने से पहले फाटक नही खोलता है।तो होगा उग्र आंदोलन, आंदोलन की सुगबुगाहट हुई प्रारंभ।
रेल्वे फाटक का बंद होना स्कूली छात्र एव छात्राओ के लिए बना परेशानी का सबब
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