
रायबरेली। शहर हृदय स्थली कहे जाने वाले दीवानी कचेहरी, बस स्टेशन, अस्पताल चौराहा, पालिका बाजार, डिग्री कालेज जाम के झाम से सदैव जूझती रही है, कहने को तो कई बार अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति की गयी, किन्तु व्यक्ति विशेष राजनेता के दबाव के आगे प्रशासनिक अधिकारियों की नहीं चली या यूँ कहें कि किसी भी प्रशासनिक अधिकारी की हिम्मत नहीं पड़ी की उक्त स्थानों पर अतिक्रमण चलायें, प्रक्रिया पूरी करने के लिए गरीबों के आशियाने तो उजाड़े जाते रहे, किन्तु अवैध रूप से निर्मित दुकानों के ऊपर बुलडोजर चलाने की ताकत किसी ने नहीं जुटा पाई। फलस्वरूप दीवानी कचेहरी आने वाले फरियादियों की आए दिन झड़प अपने वाहनों को खड़ा करने के लिए हुआ करती है, आए दिन एक्सीडेन्ट जैसी अप्रिय घटनायें होती रहती हैं, जबकि मात्र 200 मी0 की इस दूरी में चिकित्सालय, विद्यालय, न्यायालय सहित तमाम कार्यालय हैं। रमणीय रायबरेली प्रोजेक्ट के तहत उक्त मार्ग में किस हद तक सफलता मिल सकती है, यह तो भविष्य के गर्भ में है, फिलहाल शहर के सम्भ्रान्त सम्मानित नागरिक चाहते हैं कि बस अब और जाम नहीं।