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गत वर्ष की राजस्व वसूली 13.5 करोड़ की तुलना में अब तक केवल 8 करोड


सतना। शासन की आय का एक हिस्सा राजस्व वसूली है। राजस्व वसूली के लिए शासन को जनता का भी ध्यान रखा जाता है। अब जिला प्रशासन का पूरा फोकस रजिस्ट्री कार्यालय में लगा हुआ है जिसके कारण राजस्व वसूली पिछले वर्ष की तुलना में अधिक हो। लेकिन लग रहा है कि इसमे बड़े लाभ की अपेक्षा किया जाना अस्वाभाविक होगा। बात करें हुई टीएल बैठक की तो उसमे कहा गया है कि राजस्व अधिकारी राजस्व वसूली और फार्मर रजिस्ट्री के कार्य पर फोकस करें। एसडीएम अपने क्षेत्र की राजस्व वसूली और फार्मर रजिस्ट्री की प्रतिदिन मानीटरिंग करें। गत वर्ष की राजस्व वसूली 13.5 करोड रूपये रही है। अभी तक केवल 8 करोड की ही राजस्व वसूली हुई है। कलेक्टर ने कहा कि राजस्व वसूली और फार्मर रजिस्ट्री की शत-प्रतिशत उपलब्धि लाने का लक्ष्य रखा गया है।
किसानों की रजिस्ट्री क्यों आवश्यक?
इस समय भूमि को लेकर प्रशासन और जनता पूरी तरह से सक्रिय है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई भूमियों के खसरे में निजी से शासकीय दर्ज हो गया है तो कई शासकीय भूमियों को निजी में दर्ज करा लिया गया है। ये सारी विसंगतियां ईमानदार व्यक्ति दूर करना चाहते हंै जिससे उनकी अगली पीढ़ी प्रशासनिक त्रुटियों का भुगातन न भुगते। आज भूमि संबंधी इतनी अधिक समस्याएं हैं कि भूमि रखने वाले लोग परेशान हैं। किसान रजिस्ट्री, किसानों का पंजीकरण करने की एक प्रक्रिया है। किसान रजिस्ट्री के माध्यम से किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलता है। किसान रजिस्ट्री के लिए किसान मोबाइल ऐप या वेब पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं।
नए वित्तीय वर्ष को लेकर आपाधापी
वित्त वर्ष का आखिरी माह होने से मार्च में होली के अवकाश को छोड़कर बाकी दिनों में पंजीयन कार्यालय खुले रहेंगे। महानिरीक्षक पंजीयन की ओर से जारी इस आदेश का विरोध भी होने लगा है। मप्र पंजीयन विभाग अधिकारी कर्मचारी संघ ने महानिरीक्षक कार्यालय को इसे लेकर विरोध भी दर्ज कराया है। संगठन की ओर से कहा गया है कि सप्ताह में कम से कम एक दिन रविवार को अवकाश आवश्यक है। विदित हो कि मार्च में रजिस्ट्री कराने के लिए स्लॉट बुकिंग बढ़ जाती है। एक अप्रेल से नई कलेक्टर गाइडलाइन लागू होनी होती है। ऐसे में लोग पुरानी दरों यानि सस्ती दरों पर रजिस्ट्री करवाकर कुछ राशि बचाना चाहते हैं। जिस तरह से पंजीयन कार्यालयों में भीड़ देखी जा रही है उससे विभाग अच्छी खासी आय के प्रयास में लगा हुआ है।
क्या है राजस्व वसूली
मध्य प्रदेश में राजस्व वसूली का अर्थ है, जमीन पर लगने वाले शासकीय कर या लगान को वसूल करना। इसे भू-राजस्व भी कहा जाता है। मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत राजस्व वसूली की जाती है। यद्यपि मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 59 और 172 के तहत कहा गया है कि यदि किसी जमीन का उपयोग किसी और काम के लिए किया जाता है, तो उस जमीन पर देय भू-राजस्व की रकम तय की जाती है। धारा 146 के तहत भू-राजस्व वसूली की कार्यवाही को चुनौती दी जा सकती है। धारा 147 के तहत तहसीलदार बकाया वसूली के लिए आदेशिका जारी करता है।
सम्पदा -2 से बढ़ेंगी सुविधाएं
महत्वाकांक्षी परियोजना सम्पदा-2 का शुभारंभ हो चुका है। यह संपत्ति के ई-पंजीकरण और ई-स्टाम्पिंग के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित नवाचार है। पहले, दस्तावेज पंजीकरण और इससे संबंधित अन्य कार्यों के लिए कार्यालय जाना पड़ता था। लेकिन, सम्पदा-2 पोर्टल और ऐप के लॉन्च होने से नागरिक अपने घर बैठे ही ये सभी काम कर सकते हैं। यद्यपि लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि इससे समय की बचत होगी, भ्रष्टाचार से मुक्ति होगी, हर बात सार्वजनिक रूप से रिकार्डेड होगी। समस्या इस बात की है कि लोग क्या क्या सीखें? कितना सीखें?

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